कुछ तनहाईयाँ हैं जो मुझे सतातीं हैं
कुछ यादें हैं जो आंखो मे आंसू भी ले आतीं हैं
ऐसा नहीं के तुम्हें याद कर के मैं सिर्फ रोता हूँ
ऐसा नहीं के तुम्हें याद कर के मैं सिर्फ रोता हूँ
हैं किस्से कयी जिन्हें सोच सोच के खुश भी होता हूँ
मेरे कानों में आज भी हमरी हँसी ठिठोली गुंज्ती है
आंखे मेरी उन बीते लम्हों को बार बार ढूंडती हैं
होली तो हम आज भी खेलते हैं,
पर उसमें रंग कहीं एक कम लगता है
दिवाली भी सूनी है बिन तुम्हारे
मानो हर दिया थोड़ा मध्धंं जलता है
सुनो ना, वापस आ जाओ
के जगह तुम्हारी कोई और ले नहीं सकता
सच कहता हूँ, वापस आ जाओ
के देना भी चहुँ तो किसी और को जगह तुम्हारी दे नही सकता
वापस आ जाओ
के बिन तुम्हारे मेरी हर खुशी अधुरी है
वापस आ जाओ
के दुख में अपनो का साथ भी तो ज़रूरी है
देखो मुझे अकेला छोड़ अब और ना सताओ
एक अर्सा हो गया तुम्हें गये हुए
अब वापस आ जाओ।।
सुनने के लिए वीडियो देखें :
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An engineering graduate and an aviation professional.
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