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| Zindagi Yun Hi Kaat Dun |
ज़िन्दगी यूं ही काट दूं
सोचता हूँ के मैं ज़िन्दगी यूं ही काट दूं
गिरना,उठना,हारना,जीतना ....
ये तो सब सबक हैं इस सफर के
सिख लूं और सबमें बाट दूं।
सोचता हूँ के मैं ज़िन्दगी यूं ही काट दूं
जो दूर हो गये हैं मुझसे
उन्हें पास आने के लिये आवाज़ दूं ।
जो गिर गये इस सफर में कहीं
उन्हें उठने के लिये अपना हाँथ दूं।
बन्न जाऊँ किसी की मैं खामोशी
और किसी को मैं अल्फाज़ दूं।
जिस किसी ने भरोसा कर
थाम लिया ये हाँथ मेरा,
मरते दम तक उसका मैं साथ दूं।
बन जाऊँ किसी का सुकून मैं
किसी पथ्थर को मैं एहसास दूं
जो बन पड़े मुझसे
तो एक नंगे बदन लिबास दूं
जो जीवन में सिर्फ़ हो हारा
उसे जीतने की एक मैं आस दूं
बन जाऊँ किसी के अंधेरों की मैं रोशनी
किसी को उसका खोया हुआ मैं विश्वास दूं
सोचता हूँ के मैं ज़िन्दगी यूं ही काट दूं
गिरना,उठना,हारना,जीतना ....
ये तो सब सबक हैं इस सफर के
सिख लूं और सबमें बाट दूं।।
सोचता हूँ के मैं ज़िन्दगी यूं ही काट दूं
https://youtu.be/Jx4y9NDktEc

An engineering graduate and an aviation professional.
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