एकआदमी था, जो कई सालोंसे एक गुफा मेंरहा करता था। वह कहता थाकि "इस गुफा केबाहर कुछ भी नहीं है।" एक बार एक देवदूत उनकेपास आया और कहा किमैंने सुना है कि आपकहते हैं कि "इस गुफा केबाहर कुछ भी नहीं है।" मैं तुम्हें कुछ दिखाना चाहता हूँ।
देवदूतने उसे अपने साथ आने को कहा। उसनेउसे उस गुफा सेबाहर निकाला और उससे पूछा"अब तुम क्या देख सकते हो, क्या यह केवल गुफा है"। वह आदमीअब खुले जंगल में था और बहुतसारी अन्य चीजें देख सकता था। वह आश्चर्यचकित था, और कहा, "मैं उस गुफा केअलावा कई चीजें देखसकता हूं, लेकिन क्या ये ही सम्पूर्ण दुनिया हैं ?"
फिरवह आदमी को पहाड़ कीचोटी पर ले गया।और उसने फिर वही सवाल पूछा। अब वह आदमीएक ही बार मेंमीलों तक जमीन देखपा रहा था। यह , उसके लिए आश्चर्य से भी अधिक था और उत्सुकतासे फिर से पूछा "क्यायह एकमात्र दुनिया है?"
फिरस्वर्गदूत ने उस आदमीको आकाश में ऊंचा उठा दिया और अपना प्रश्नदोहराया। अब वह आदमीपूरी पृथ्वी को देख पारहा था और साथ ही कुछ अन्य ग्रहों को भी देख पा रहा था। उसे यकीन नहीं हो रहा थाकि दुनिया इतनी बड़ी हो सकती है और उसने फिर से पूछा कि क्या यही सम्पूर्ण जगत है?
देवदूत ने कहा नहीं। इसका कोई अंत नहीं।
कहानीका अर्थ : जब आप अपने विचारो को उच्च स्तरपर रख कर सोचने की कोशिश करेंगे, तो आप दुनिया को एक व्यापकदृष्टिकोण से देख पाएंगे।जब आप अपने विचारोंमें सुधार करते हैं, तो आप अपनीबुद्धि को विकास के एक नए स्तर पर ले जाते है।
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